महाराष्ट्र में गुरुवार यानी आज ओला, ऊबर और रैपिडो जैसे ऐप-आधारित टैक्सी और बाइक-टैक्सी चालकों ने एक दिन की हड़ताल का ऐलान किया है। इस वजह से मुंबई, पुणे, ठाणे और नासिक जैसे बड़े शहरों में लोगों को सफर करने में काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। सुबह ऑफिस जाने वाले यात्री और स्कूल-कॉलेज के छात्र सबसे ज्यादा परेशान दिखे। ड्राइवरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं, तब तक वे लगातार विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने सरकार से साफ कहा है कि ऐप कंपनियों की मनमानी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
चालकों की मुख्य मांगें क्या हैं
ड्राइवर यूनियनों की ओर से कई अहम मांगें रखी गई हैं। सबसे पहली मांग है कि किराए का एक तय और स्टैंडर्ड ढांचा बनाया जाए, जिससे हर ड्राइवर को उचित भुगतान मिले। इसके अलावा वे सामाजिक सुरक्षा, बीमा सुविधाएं और रिटायरमेंट बेनिफिट्स की भी मांग कर रहे हैं। चालकों ने यह भी आरोप लगाया है कि ऐप कंपनियां मनमाने तरीके से ड्राइवरों के अकाउंट बंद कर देती हैं, जिससे उनकी रोज़ी-रोटी पर असर पड़ता है। साथ ही उन्होंने कहा कि बाइक टैक्सी सर्विस पर नियंत्रण लगाया जाए, क्योंकि इससे कैब ड्राइवरों की कमाई में भारी गिरावट आई है।
सरकार का रुख और यूनियन की नाराजगी
सरकार की ओर से सीएनबीसी टीवी18 की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले दो दिनों में नई “एग्रीगेटर पॉलिसी” लाने का वादा किया गया है। इस पॉलिसी में सर्ज प्राइसिंग पर कैप, ड्राइवर पेआउट की सीमा और ऐप कंपनियों पर कड़े नियम शामिल किए जा सकते हैं। लेकिन ड्राइवर यूनियनों को सरकार के इस वादे पर भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि कई बार पहले भी ऐसे वादे किए गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
इंडियन गिग वर्कर्स फोरम के अध्यक्ष केशव क्षीरसागर ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार फैला हुआ है और कई अधिकारी निजी ऐप कंपनियों को नियम तोड़ने की छूट दे रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि जो ड्राइवर सही किराया लागू करवाने की मांग करते हैं, उनके खिलाफ झूठे केस दर्ज करवा दिए जाते हैं।
यात्रियों को सफर में हो रही दिक्कतें
हड़ताल का असर पूरे महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है। मुंबई और पुणे में सुबह से ही ऐप-आधारित गाड़ियों की संख्या बहुत कम हो गई है। जिन यात्रियों को ऑफिस, एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन जाना है, उन्हें पहले से ही यात्रा प्लान करनी पड़ रही है। कई जगहों पर यात्रियों ने शिकायत की कि कुछ प्राइवेट कैब वालों ने मौके का फायदा उठाकर किराया दोगुना कर दिया।
हड़ताल ऐसे समय पर रखी गई है जब केंद्र सरकार के वित्त विभाग का दौरा चल रहा है। यूनियन चाहती है कि सरकार इस मौके पर परिवहन विभाग की गड़बड़ियों पर ध्यान दे। पिछली बार जब ऐसी हड़ताल हुई थी, तब एयरपोर्ट और बस अड्डों पर घंटों तक यात्रियों को फंसे रहना पड़ा था। इसलिए इस बार भी प्रशासन ने सार्वजनिक परिवहन पर भरोसा रखने और यात्रा पहले से तय करने की सलाह दी है।
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