सरकार की नई पहल ‘भारत टैक्सी’: अब ओला-उबर को मिलेगी टक्कर, ड्राइवरों की कमाई होगी दोगुनी

On: October 25, 2025
भारत टैक्सी

केंद्र सरकार ने भारत की पहली सहकारी टैक्सी सेवा ‘भारत टैक्सी’ शुरू की है, जो सीधे तौर पर ओला और उबर जैसी प्राइवेट टैक्सी कंपनियों को चुनौती देगी। इस योजना को केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD) के तहत तैयार किया गया है। इस पहल का सबसे बड़ा मकसद है – ड्राइवरों को उनकी कमाई का पूरा हक देना और यात्रियों को सरकार की निगरानी में सस्ती, सुरक्षित और भरोसेमंद टैक्सी सेवा उपलब्ध कराना। पिछले कुछ सालों में प्राइवेट टैक्सी ऐप्स के खिलाफ शिकायतों का अंबार लग गया है। कभी गंदे वाहनों की दिक्कत, तो कभी सवारी के बीच में बुकिंग कैंसिल कर देना, और कई बार अचानक किराया बढ़ जाना जैसी समस्याएं आम हो गई थीं। साथ ही, ड्राइवरों ने भी इन कंपनियों की हाई कमीशन रेट पर नाराजगी जताई है, क्योंकि वे हर सवारी से करीब 20 से 25% तक कमीशन लेती हैं।

ड्राइवरों की बढ़ेगी कमाई और मिलेगी आज़ादी

भारत टैक्सी ड्राइवरों के लिए एक सहकारी मॉडल पर आधारित होगी, यानी उन्हें अपनी कमाई पर किसी तरह का कमीशन नहीं देना पड़ेगा। इसके बजाय ड्राइवर सिर्फ मामूली सदस्यता शुल्क देंगे, जो दैनिक, साप्ताहिक या मासिक हो सकता है। इससे उनकी जेब में ज्यादा पैसा रहेगा और वे अपनी शर्तों पर काम कर सकेंगे। सरकार का कहना है कि इस मॉडल से ड्राइवरों की आमदनी बढ़ेगी और उन्हें निजी एग्रीगेटर कंपनियों के दबाव से आज़ादी मिलेगी। कई बार ड्राइवर शिकायत करते थे कि ऐप कंपनियां उन्हें अपने हिसाब से राइड देने पर मजबूर करती हैं, किराए घटा देती हैं या कैंसिलेशन पर भारी जुर्माना लगाती हैं। भारत टैक्सी इन सब परेशानियों को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

दिल्ली से होगी शुरुआत, फिर देशभर में विस्तार

भारत टैक्सी का पायलट प्रोजेक्ट नवंबर से दिल्ली में शुरू किया जाएगा। शुरुआती चरण में 650 वाहन और उनके चालक इस योजना का हिस्सा बनेंगे। अगर यह ट्रायल सफल रहता है, तो दिसंबर से इसका पूरा रोलआउट किया जाएगा। इसके बाद यह सेवा देश के बड़े शहरों – मुंबई, पुणे, भोपाल, लखनऊ, जयपुर और अन्य मेट्रो सिटीज तक फैलाई जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में करीब 5,000 ड्राइवरों (महिला और पुरुष दोनों) को जोड़ा जाएगा, जबकि अगले साल तक इसे 20 शहरों में लागू किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक भारत टैक्सी को देश के कई महानगरीय इलाकों में स्थापित किया जाए और 2030 तक करीब एक लाख ड्राइवर इस प्लेटफॉर्म से जुड़ जाएं। इससे न सिर्फ शहरी इलाकों में, बल्कि जिला मुख्यालयों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

भारत टैक्सी बनेगी ड्राइवरों की अपनी कंपनी

भारत टैक्सी किसी निजी कंपनी की तरह नहीं, बल्कि एक “सहकारी उद्यम” के रूप में काम करेगी। इस प्लेटफॉर्म को सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसकी स्थापना जून 2025 में 300 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ की गई थी। यह संस्था टैक्सी ड्राइवरों की साझेदारी में चलेगी — यानी हर ड्राइवर इसका सदस्य होगा और कंपनी के फैसलों में उसकी भागीदारी होगी। इस तरह यह पूरी तरह “ड्राइवरों की अपनी टैक्सी सेवा” बन जाएगी। भारत टैक्सी ऐप के जरिए राइड बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिसमें पारदर्शी किराया, रेटिंग सिस्टम और सरकारी निगरानी के तहत सुरक्षा प्रावधान शामिल होंगे। यात्रियों को भी भरोसेमंद सेवा का फायदा मिलेगा और ड्राइवरों को आर्थिक स्थिरता की गारंटी मिलेगी।

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