दिल्ली में जल्द चलेगी नई को-ऑपरेटिव टैक्सी सेवा, खत्म होगा ओला-ऊबर का दबदबा! जानिए ड्राइवरों को कैसे मिलेगा फायदा

On: October 14, 2025
दिल्ली में जल्द चलेगी नई को-ऑपरेटिव टैक्सी सेवा, खत्म होगा ओला-ऊबर का दबदबा! जानिए ड्राइवरों को कैसे मिलेगा फायदा

दिल्ली सरकार अब एक नई पहल की तैयारी में है, जो ओला-ऊबर जैसी निजी टैक्सी कंपनियों के लिए सीधी चुनौती बनने वाली है। सहकारिता मंत्री रविंद्र इंद्राज ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे एक प्रस्ताव तैयार करें, जिसके तहत “सहकारी टैक्सी सेवा” शुरू की जाएगी। यह टैक्सी सेवा निजी ऐप कंपनियों के बजाय एक सहकारी संस्था द्वारा चलाई जाएगी, जिसमें ड्राइवर खुद मालिक यानी ‘को-ओनर’ होंगे। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ड्राइवरों को किसी कंपनी को कमीशन नहीं देना होगा। हर बुकिंग की पूरी कमाई सीधे उनके खाते में जाएगी। वहीं यात्रियों के लिए यह सस्ता विकल्प होगा, क्योंकि इसमें किसी तरह का सर्विस चार्ज या सरचार्ज नहीं जोड़ा जाएगा।

ओला-ऊबर को मिलेगी सीधी टक्कर

केंद्र सरकार ने मार्च 2025 में राज्यों को निर्देश दिए थे कि वे ओला और ऊबर जैसी निजी कंपनियों के मुकाबले को-ऑपरेटिव टैक्सी सेवा शुरू करें। महाराष्ट्र ने इस पर तेजी से काम किया और अब दिल्ली भी उसी राह पर आगे बढ़ रही है। दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को कहा है कि वे महाराष्ट्र मॉडल का अध्ययन करें और दिल्ली के हिसाब से योजना तैयार करें। इस योजना का उद्देश्य साफ है — ड्राइवरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और यात्रियों को भरोसेमंद सेवा देना। फिलहाल, ओला और ऊबर जैसी कंपनियों में ड्राइवरों को भारी कमीशन देना पड़ता है, जिससे उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा कट जाता है। लेकिन नई सहकारी टैक्सी सेवा में ड्राइवरों को पूरा मुनाफा मिलेगा।

ड्राइवर खुद होंगे मालिक, ऐप से होगी बुकिंग

दिल्ली सरकार इस योजना के तहत एक समर्पित मोबाइल ऐप तैयार करेगी, जिसके जरिए यात्रियों को सीधे ड्राइवर से टैक्सी बुक करने की सुविधा मिलेगी। इस ऐप से जुड़ने वाले ड्राइवर सहकारी समिति के सदस्य होंगे और उन्हें संस्था में हिस्सेदारी दी जाएगी। इसका मतलब यह है कि ड्राइवर न सिर्फ अपनी टैक्सी चलाएंगे बल्कि संस्था के को-ओनर भी होंगे। इससे उनकी जिम्मेदारी और आय दोनों बढ़ेंगी। सरकार का कहना है कि ड्राइवरों को टैक्सी खरीदने के लिए सस्ती दरों पर लोन भी मुहैया कराया जाएगा, ताकि वे खुद का वाहन खरीदकर इस सेवा से जुड़ सकें।

ड्राइवरों की कमाई समान रूप से बंटेगी

सहकारी टैक्सी सेवा के लिए एक “टैक्सी सेवा सहकारी समिति” बनाई जाएगी। इस समिति का पूरा प्रबंधन ड्राइवरों के हाथ में रहेगा। हर सदस्य की कमाई समान रूप से बांटी जाएगी ताकि सभी को बराबर फायदा मिले। इसमें दोपहिया, ऑटो रिक्शा और चार पहिया वाहनों को भी शामिल किया जा सकेगा। इससे छोटे स्तर पर काम करने वाले ड्राइवरों को भी बड़ा प्लेटफॉर्म मिलेगा। यह कदम ड्राइवर समुदाय को एक साथ लाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।

Conclusion

दिल्ली सरकार की यह को-ऑपरेटिव टैक्सी योजना ड्राइवरों और यात्रियों दोनों के लिए उम्मीद की नई किरण है। जहां ड्राइवरों को बिना कमीशन के कमाई का मौका मिलेगा, वहीं लोगों को भरोसेमंद और किफायती यात्रा का विकल्प भी मिलेगा। अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक रहा तो आने वाले समय में दिल्ली की सड़कों पर “दिल्ली सहकारी टैक्सी सेवा” ओला-ऊबर को कड़ी टक्कर देती नजर आएगी।

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